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X पर यूजर जिग्नेश ने लिखा – Breking News🚨 अमरोहा में सुन्नी पत्थरबाजों ने शियाओं पर बरसाए पत्थर.. शियाओं ने किया तमंचे से पलटवार… नमाज के बाद 5 रोज़ेदारों पर FIR ✍️

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वहीं एक अन्य यूजर ने ब्रजेश सिंह ने भी ऐसा ही दावा किया। उन्होने लिखा – अमरोहा में सुन्नी पत्थरबाजों ने शियाओं पर बरसाए पत्थर.. तो शियाओं ने किया तमंचे से पलटवार…नमाज के बाद 5 रोज़ेदारों पर FIR ✍️😐😐😐😐😐😐😐😐😐😐 Chor sunaye dharm ki Katha.😐😐😐😐
फैक्ट चेक:

Source: Hindustan
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने गूगल पर घटना से जुड़े कीवर्ड सर्च किये। इस दौरान हमें हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट मिली। जिसमे घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि “जानकारी के अनुसार क्षेत्र के गांव शहवाजपुर डोर निवासी ट्रक चालक मुकर्रम व तालिब के बीच गुरुवार को गढ़मुक्तेश्वर में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी। पुलिस के अनुसार दोनों के बीच ट्रक आगे निकालने को लेकर विवाद हुआ था। तब वहां मौजूद लोगों ने दोनों को समझा बुझाकर शांत कराते हुए विवाद निपटा दिया था। शुक्रवार सुबह तालिब, मोहम्मद फजर व जानी ट्रक लेकर गढ़मुक्तेश्वर जा रहे थे। आरोप है कि दूसरे पक्ष के मुकर्रम ने उन पर ट्रक चढ़ाने का प्रयास किया। उसके साथी ने शानु पर रॉड से हमला कर दिया। वह गंभीर घायल हो गए। उधर, मुकर्रम के भाई महराज का आरोप है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने उनपर पथराव कर दिया। जिसके बाद विवाद बढ़ गया। दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग आमने-सामने आ गए। देखते ही देखते लाठी-डंडे चल पड़े। धारदार हथियार से भी हमला किया गया। घटना से भगदड़ मच गई। भीड़ में शामिल किसी शख्स ने पूरी घटना का वीडियो बनाते हुए सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। घटना में एक पक्ष से अफलातून, उनका बेटा आजम, उनके दो भाई कादिर अली, आरिफ, चचेरे भाई शानु व जानी घायल हो गए जबकि दूसरे पक्ष से महराज उनके भाई मुकर्रम व महताब, भतीजा शाहवेज एवं जावेद घायल हो गए। आजम व जावेद छात्र हैं। सीओ श्वेताभ भास्कर ने दोनों पक्षों की ओर से तहरीर मिलने पर जांच व कार्रवाई करने की बात कही।

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इसके अलावा हमें अमरोहा पुलिस का भी पोस्ट पर एक पोस्ट मिला। जिसमे पुलिस ने बताया, दोनों पक्ष सुन्नी पक्ष है, एक ही गांव के है। दोनों पक्षों के बीच ट्रक निकालने को लेकर विवाद हुआ था। उक्त घटना सुबह लगभग 9 बजे की है। मुकदमा पंजीकृत कर 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही की गई है। वैधानिक कार्यवाही प्रचलित है।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल दावा भ्रामक है। क्योंकि शिया-सुन्नी विवाद नहीं बल्कि ट्रक ड्राइवरों के बीच आपसी विवाद था। वहीं दोनों ही पक्ष सुन्नी समुदाय के है।