ब्रिक्स की सदस्यता के लिए आवेदन करने वाला पाकिस्तान 2024 में रूस की अध्यक्षता में विकासशील देशों के समूह में शामिल होने की उम्मीद कर रहा है। इस खबर के बीच, पाक सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक दावा शेयर किया जा रहा है जिसमें वे ब्रिक्स से भारत के निष्कासन का दावा कर रहे हैं।
पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा यह दावा किया गया है कि चीन ने पाकिस्तान को आश्वासन दिया है कि यदि भारत ने पाकिस्तान की BRlCS समूह की सदस्यता के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया, तो भारत को BRlCS से निष्कासित कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, एक अन्य यूजर ने भी चीन द्वारा भारत को ब्रिक्स से निष्कासित किए जाने के संबंध में यही खबर शेयर किया है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच की। जांच में पाया गया कि यह पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल द्वारा किया गया झूठा दावा है। हमने मीडिया रिपोर्ट के साथ-साथ ब्रिक्स की आधिकारिक वेबसाइट की भी जांच की। इसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि अगर पाकिस्तान ब्रिक्स में शामिल होता है तो भारत को इससे बाहर कर दिया जाएगा।
ब्रिक्स समान भागीदारी वाले देशों का संगठन है। यह आम सहमति और सहयोग के सिद्धांतों पर काम करता है और किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय, जैसे किसी सदस्य को बाहर निकालना, के लिए सभी सदस्य देशों की सहमति की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, भारत ब्रिक्स के पाँच संस्थापक सदस्यों में से एक है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने ब्रिक्स में सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया है। इस्लामाबाद ने इस निकाय में शामिल होने के लिए आवेदन दायर किया है। एजेंसी ने रूस में पाकिस्तान के दूत मुहम्मद खालिद जमाली के हवाले से बताया कि उसने रूस से समर्थन मांगा है। पाकिस्तान 2024 में रूस की अध्यक्षता में विकासशील देशों के समूह में शामिल होने की उम्मीद कर रहा है।
View Here
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि चीन का भारत को ब्रिक्स से बाहर निकालने के संबंध में कोई बयान नहीं दिया गया है। इसके अलावा ब्रिक्स समूह में कोई भी देश एकतरफा तरीके से किसी अन्य सदस्य देश को निष्कासित नहीं कर सकता है। ऐसे किसी भी कदम के लिए सभी ब्रिक्स सदस्यों की सहमति की आवश्यकता होगी। इसलिए यह दावा फेक है।