भारत में चुनावों के दौरान अफवाहें खूब फैलती रही हैं। चुनावी लाभ के मकसद से फैलाई गई अफवाहें पूरे क्षेत्र में फैलती थी और उसके फायदा भी लोगों को मिलता था। लेकिन वर्चुअल दुनिया में अफवाहों का स्वरुप परिवर्तित और विकराल होकर फेक न्यूज और भ्रामक न्यूज की शक्ल में सामने आ रहा है। हमने पिछले कई चुनावों में देखा है कि चुनाव के वक्त सोशल मीडिया पर तमाम पार्टियों के आईटी सेल और कुछ ग्रुप्स एक्टिव होते हैं और लगातार फेक और भ्रामक न्यूज फैलाकर लोगों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। हालांकि चुनाव आयोग का दावा है कि वह लगातार फेक न्यूज की रोकथाम के लिए काम कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी बड़े पैमाने पर फेक न्यूज फैले।
इस बार लोकसभा चुनाव में भ्रामक न्यूज फैलाने का काम सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स ही नहीं कर रहे थे, बल्कि तमाम पार्टियों के नेता भी खुलेआम रैलियों, जनसभाओं और सोशल मीडिया के माध्यम से चुनावी दुष्प्रचार किए। इस रिपोर्ट में DFRAC की टीम ने नेताओं के चुनावी दुष्प्रचार का विश्लेषण किया है।
- इस रिपोर्ट के मुख्य बिन्दू निम्नलिखित हैं-
- कांग्रेस मेनिफेस्टो पर उपजा विवाद
- संविधान और आरक्षण पर चुनावी दुष्प्रचार
- नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के सोशल मीडिया हैंडल से भ्रामक न्यूज
1- कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर उपजा विवादः
कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के लिए 48 पेज का मेनिफेस्टों जारी किया था, जिसे ‘न्याय पत्र’ नाम दिया गया। इस मेनिफेस्टों में कांग्रेस ने देश के लोगों के लिए 10 प्रकार के न्याय का वादा किया, जिसमें 1- हिस्सेदारी न्याय, 2- युवा न्याय, 3- नारी न्याय, 4- किसान न्याय, 5- श्रमिक न्याय, 6- संविधानिक न्याय, 7- आर्थिक न्याय 8- राज्य न्याय, 9- रक्षा न्याय और 10- पर्यावरण न्याय शामिल है।
लेकिन कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर यह बात कही गई कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में लिखा है कि वह लोगों की संपत्ति और सोना का सर्वे कराकर मुसलमानों में बांट देगी। यह मामला तब ज्यादा बड़ा हो गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में 21 अप्रैल 2024 को आयोजित एक रैली में कांग्रेस पर संपत्ति और सोना सर्वे कराकर घुसपैठियों और ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों के बीच बांटने के आरोप लगाए।
बीजेपी के ऑफिशियल यट्यूब चैनल पर 21 अप्रैल 2024 को 44 मिनट 20 सेकेंड का एक वीडियो अपलोड है। इस वीडियो के ड्यूरेशन 34 मिनट 12 सेकेंड से 37 मिनट 18 सेकेंड वाले हिस्से में पीएम मोदी कहते हैं-
“इन दिनों जो लोग कांग्रेस छोड़कर बाहर निकले हैं, वे एक बात बड़ी गंभीरता से बताते हैं, वे सारे लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस अब कांग्रेस नहीं रही। अब कांग्रेस अर्बन नक्सलों के कब्जे में चली गई है। कांग्रेस अब वामपंथियों के चंगुल में फंसी हुई है। तब हमारे एक मित्र ने उनको पूछा कि आप ये कैसे कह सकते हैं? तो उन्होंने कहा कि उनका मेनिफेस्टो देख लीजिए। इस बार का कांग्रेस का मेनिफेस्टो देख लीजिए। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में जो कहा है वो चिंताजनक है, गंभीर है और ये माओवाद की सोच को धरती पर उतारने की कोशिश है। उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो हर एक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। हमारी बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच की जाएगी। उसका हिसाब लगाया जाएगा। हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है, सिल्वर कितान है उसका हिसाब लगाया जाएगा। सरकारी मुलाजिमों के पास कितना जगह है, क्या है, कौन पैसे कहां है, नौकरी क्या है, उसकी जांच की जाएगी। इतना ही नहीं, आगे क्या कहा है, ये जो गोल्ड है बहनों का और जो संपत्ति है, ये सबको समान रूप से वितरित कर दी जाएगी। क्या ये आपको मंजूर है क्या? आपकी संपत्ति सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या आपकी संपत्ति को, आपने मेहनत करके कमाई हुई संपत्ति को सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या उस संपत्ति को, मेरी माताओं-बहनों की जिंदगी में सोना, वो सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता, उसके स्वाभिमान से जुड़ा हुआ होता है। उसका मंगलसूत्र, वो सोने का कीमत का मुद्दा नहीं है, उसके जीवन के सपनों से जुड़ा हुआ है। तुम उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने मेनिफेस्टो में। गोल्ड ले लेंगे, सबको वितरित कर देंगे और जब पहले उनकी सरकार थी, तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे, जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे। घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये? ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है।”
हालांकि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में संपत्ति और सोना सर्वे की बात कही नहीं लिखी गई है। कांग्रेस के मेनिफेस्टो के सामाजिक न्याय वाले हिस्से में लिखा गया है कि कांग्रेस भूमिहीनों को जमीन वितरित करेगी। वहीं अल्पसंख्यक वाले हिस्से में भी ऐसी कोई बात नहीं लिखी गई है।
हालांकि कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने एक बयान दिया था, जिस पर खूब विवाद भी हुआ था। पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में इन्हेरिटेंस टैक्स की व्यवस्था है। इसका मतलब है कि अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद बच्चों को केवल 45 प्रतिशत संपत्ति ही मिलेगी और बाकी 55 प्रतिशत सरकार ले लेगी। उन्होंने आगे कहा था कि भारत में आप ऐसा नहीं कर सकते। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब रुपये है और वह इस दुनिया में न रहे तो उनके बच्चे ही 10 अरब रुपये रखते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। तो ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिस पर लोगों को बहस और चर्चा करनी चाहिए। पित्रोदा आगे कहते हैं, “मैं नहीं जानता कि इसका नतीजा क्या निकलेगा, लेकिन जब हम संपत्ति के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए तरह के प्रोग्राम की बात करते हैं, जो जनता के हित में है, न कि केवल अमीर लोगों के।
i. कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर चुनावी दुष्प्रचारः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांसवाड़ा में दिए गए बयान के बाद कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर बयान देने को लेकर कई बीजेपी नेताओं ने भी इस पर बयान दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बागपत में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस द्वारा शरिया कानून लागू कर देने का बयान दिया। 24 अप्रैल 2024 को एनडीटीवी के यूट्यूब पर चैनल अपलोड वीडियो में सीएम योगी कहते हैं, “जब कांग्रेस के घोषणा पत्र को आप देखते हैं, तो दो बातें उस घोषणापत्र में नजर आती हैं। एक, कांग्रेस कहती है कि हम व्यक्तिगत कानून को लागू करके शरिया कानून को लागू करवा देंगे। इसका मतलब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान के लिए ये लोग खतरा पैदा करना चाहते हैं। यानी देश के संविधान को खतरे में डालना चाहते हैं। तालिबानी शासन लागू करना चाहते हैं। क्या हम तालिबानी शासन को स्वीकार करेंगे? क्या ये देश तालिबानी शासन को स्वीकार करेगा?”
फैक्ट:
हालांकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में शरिया और तालिबानी शासन जैसे शब्द नहीं हैं। इसलिए ये स्पष्ट नहीं है कि सीएम योगी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र के हवाले से शरिया और तालिबानी शासन का दावा किस आधार पर किया है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर एक दावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में आयोजित एक रैली किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के घोषणापत्र में कांग्रेस के हाथ के साथ-साथ विदेशी ताकतों का भी हाथ नजर आता है, जो आपके संतान की संपत्ति मुसलमान को देना चाहते हैं।”
फैक्टः
यहां एक बार फिर से संपत्ति को मुस्लिमों को दिए जाने की बात कही गई, जबकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसका कोई जिक्र नहीं है। कांग्रेस के मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों के लिए कई वादे किए गए हैं, जिनमें किसी अन्य समुदाय की संपत्ति छीनकर मुस्लिम या फिर अल्पसंख्यकों को दिए जाने का कोई वादा नहीं किया गया है।
ii. कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर सोशल मीडिया पर भ्रामक न्यूजः
कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रामक दावे किए गए। हम कुछ दावों का फैक्ट चेक प्रदान कर रहे हैं।
भ्रामक दावा-1
एक अखबार की न्यूजकटिंग वायरल कर कांग्रेस के घोषणा पत्र के हवाले से दावा किया गया कि कांग्रेस ने मुस्लिमों के लिए कई वादे किए हैं। इन वादों में लव जिहाद का समर्थन करना, मुस्लिम पर्सनल लॉ वापस लाना, गोमांस को वैध करना और सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम जजों की नियुक्ति करना शामिल है। इसके अलावा यह भी दावा है कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग, महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक और केंद्रीय मानवाधिकार आयोग में मुस्लिमों की नियुक्ति करेगी। इस अखबार कटिंग में यह भी लिखा है कि बहुलवाद यानि हिंदु धर्म को खत्म करने की नीति की कांग्रेस ने खुलकर पैरवी की है। वहीं यह दावा भी है कि बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गाजा का समर्थन यानी हमास का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने विदेश नीति में बदलाव की बात कही है।
फैक्ट चेकः
कांग्रेस के घोषणा पत्र में लव जिहाद का समर्थन और मुस्लिम पर्सनल लॉ को वापस लाने का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। घोषणा पत्र में लिखा है, “कांग्रेस वादा करती हैं कि कांग्रेस भोजन और पहनावे, प्यार और शादी, और भारत के किसी भी हिस्से में यात्रा और निवास की व्यक्तिगत पसंद में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। सभी कानून और नियम जो अनुचित रूप से हस्तक्षेप करते हैं उन्हें रद्द करेंगे।”
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिमों जजों की नियुक्ति का दावा भी फेक है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है, “अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्तियों और महिलाओं को अधिक संख्या में उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया जाएगा।”
वहीं कांग्रेस ने चुनाव आयोग, महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक और केंद्रीय मानवाधिकार आयोग में मुस्लिमों की नियुक्ति का वादा नहीं किया है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में लिखा है कि वह, “भारत के चुनाव आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक कार्यालय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग और अन्य संवैधानिक निकायों की स्वायत्तता को मजबूत करने का वादा करती है।”
भ्रामक दावा-2
सोशल मीडिया पर दावा किया कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि- आर्टिकल 370 को दोबारा लागू किया जाएगा, सीएए निष्क्रिय कर दिया जाएगा, एंटी कर्वर्ज़न लॉ, न्यू एजूकेशन पॉलिसी, NSA, मृत्यूदंड हटा दिया जाएगा, इंडिया को क्वाड समूह (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) अलग कर दिया जाएगा और तो और भारत से न्यूक्लियर हथियार को भी खत्म कर दिया जाएगा, ताकि कभी कोई जंग हो तो चीन-पाकिस्तान न्यक्लियर हथियर के दम पर भारत पर क़ब्ज़ा कर लें, इंडिया हार जाए।
फैक्ट चेकः
कांग्रेस के घोषणापत्र में 370 पर कोई बात नहीं की गई है, बल्कि संघवाद और केंन्द-राज्य संबंध के हवाले से पेज न. 36 पर कहा गया है कि- हम जम्मू-कश्मीर को तुरंत पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करेंगे। हम लद्दाख के जनजातीय क्षेत्रों को शामिल करने के लिए संविधान की छठी अनुसूची में संशोधन करेंगे। कांग्रेस के घोषणापत्र में एंटी कन्वर्ज़न लॉ और भारत से न्यूक्लियर हथियार को भी खत्म करने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।
2- संविधान और आरक्षण पर चुनावी दुष्प्रचारः
लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान और आरक्षण सबसे गर्म मुद्दा रहे। इस चुनाव में संविधान और आरक्षण को लेकर सोशल मीडिया पर फैले फेक और भ्रामक सूचनाओं से लेकर राजनीतिक मंचों से नेताओं द्वारा जमकर चुनावी दुष्प्रचार किया गया। इन भ्रामक सूचनाओं को फैलाए जाने की बड़ी वजह बीजेपी नेताओं लल्लू सिंह, अनंत हेगड़े और ज्योति मिर्धा सहित कई बीजेपी नेताओं के बयान को मान सकते हैं। दरअसल फैजाबाद (अयोध्या) से सांसद लल्लू सिंह ने बयान दिया था कि सरकार तो 272 सीटों पर ही बन जाती हैं, लेकिन संविधान बदलने या संशोधन करने के लिए दो-तिहाई सीटों की जरूरत होती है। वहीं अनंत हेगड़े ने कहा था कि संविधान को फिर से लिखने की जरूरत है। कांग्रेस ने इसमें अनावश्यक चीजों को जबरदस्ती भरकर संविधान को मूल रूप से विकृत कर दिया है, खासकर ऐसे कानून लाकर जिनका उद्देश्य हिंदू समाज को दबाना था, अगर ये सब बदलना है, तो ये मौजूदा बहुमत के साथ संभव नहीं है। इसके अलावा ज्योति मिर्धा ने बयान दिया था कि देश के हित में कई कठोर निर्णय लेने होते हैं। उनके लिए हमें कई संवैधानिक बदलाव करने पड़ते हैं। हालांकि बीजेपी ने इन बयानों से किनारा कर लिया था।
इन बयानों के बाद माहौल बनाया जाने लगा कि बीजेपी 400 सीट इसलिए चाहती है, क्योंकि संविधान को बदलकर आरक्षण को खत्म किया जा सके। इसी क्रम में अखिलेश यादव अपनी सभाओ में संविधान और आरक्षण पर बयान देते नजर आए। उन्होंने एक बार कहा था कि बीजेपी ने आरक्षण को खत्म कर दिया है।
फैक्टः
हालांकि अखिलेश यादव का यह दावा पूरी तरह से गलत है कि बीजेपी ने आरक्षण को खत्म कर दिया है। क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार या फिर राज्यों की किसी भी बीजेपी सरकार द्वारा आरक्षण खत्म करने के संदर्भ में कोई आदेश नहीं दिया गया है।
i.आरक्षण को लेकर RSS-BJP नेताओं के खिलाफ फैलाया गया झूठः
आरक्षण को लेकर फैलाए गए झूठ के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कई नेताओं ने आरक्षण खत्म करने को लेकर बीजेपी और आरएसएस नेताओं के एडिट किए गए वीडियो शेयर किए। हम यहां कुछ वीडियो का फैक्ट चेक प्रदान कर रहे हैं।
आरक्षण पर अमित शाह का फेक वीडियोः
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि अमित शाह ने कहा कि केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद SC, ST और OBC आरक्षण को खत्म कर दिया जाएगा। इस वीडियो को समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज सिंह काका और अंबेडकरनगर से सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा सहित कई यूजर्स ने शेयर किया था।
फैक्ट चेकः
DFRAC ने फैक्ट चेक में पाया था कि अमित शाह का एडिडेट बयान शेयर किया गया था। ओरिजिनिल वीडियो में अमित शाह कहते हैं, “भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी, तो ये गैर संवैधानिक मुस्लिम रिजर्वेशन को हम समाप्त कर देंगे। यह अधिकार तेलंगाना के SC, ST और OBC का है, वो अधिकार उनको मिलेगा और मुस्लिम रिजर्वेशन को हम समाप्त कर देंगे।”
राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का भ्रामक वीडियोः
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें वह कहते हैं, “मोदी जी 400 पार करेंगे तो आरक्षण को भी खत्म कर देंगे और संविधान को भी बदल देंगे।” इस वीडियो को भी लालजी वर्मा सहित तमाम यूजर ने शेयर किया था।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने पाया कि किरोड़ी लाल मीणा का आधा-अधूरा वीडियो शेयर किया गया था। ओरिजिनल वीडियो में वह बयान देते हैं कि यह भ्रम फैला दिया गया है कि 400 सीट जीतने के बाद बीजेपी सरकार आरक्षण खत्म कर देगी और संविधान बदल देगी।
आरक्षण पर मोहन भागवत का अधूरा बयान शेयरः
आरक्षण पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का भी एक बयान जमकर शेयर किया गया। जिसमें भागवत कहते हैं, ‘संघ वाले बाहर तो अच्छी बात करते हैं, लेकिन अंदर जाकर कहते हैं आरक्षण का हमारा विरोध है और हम बोल नहीं सकते।’
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने फैक्ट चेक में पाया कि मोहन भागवत का अधूरा बयान शेयर किया गया था। ओरिजिनल वीडियो में मोहन भागवत कहते हैं, “एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है कि आरएसएस आरक्षण के खिलाफ है और हम इसके बारे में बाहर नहीं बोल सकते। अब यह पूरी तरह से झूठ है। संघ शुरू से ही संविधान के अनुसार सभी आरक्षणों का समर्थन करता रहा है।“
3.नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के सोशल मीडिया हैंडल से भ्रामक न्यूजः
लोकसभा चुनावों के दौरान कई बार राजनीतिक पार्टियों के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट्स और खुद नेताओं द्वारा कई बार चुनावी दुष्प्रचार किया गया है। यहां हम कुछ उदाहरण दे रहे हैं-
सिर्फ बीजेपी 272 से ज्यादा सीटों पर लड़ रही है?
पीएम मोदी ने सिर्फ बीजेपी के 272 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया था। उन्होंने बनासकांठा के डीसा में कहा था कि अगर सरकार बनानी है तो कम से कम 272 सीटें चाहिए। बीजेपी को छोड़कर देश में कोई भी राजनीतिक दल 272 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहा है।
फैक्ट चेकः
बीबीसी की 23 अप्रैल 2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस 301 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी थी, जबकि उसके 300 से लेकर 320 सीटों तक चुनाव लड़ने की संभावना थी। वहीं द हिन्दू की वेबसाइट पर कांग्रेस के कुल उम्मीदवारों की एक लिस्ट प्रकाशित है, जिसमें अलग-अलग राज्यों से 301 उम्मीदवार हैं। वहीं @INCSandesh ने भी कांग्रेस के 301 उम्मीदवारों की लिस्ट पोस्ट किया है।
अमित शाह के बेटे जय शाह के साथ पाक आर्मी चीफ का बेटा?
समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लोटन राम निषाद ने अमित शाह के बेटे और बीसीसीआई के सचिव जय शाह की एक फोटो शेयर कर दावा किया जय शाह और अभिनेत्री उर्वशी रौतेला के साथ दिख रहा शख्स पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जाविद बाजवा का बेटा है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल फोटो में जय शाह के साथ उर्वशी रौतेला और उनके भाई यशराज रौतेला हैं। उर्वशी ने अपने भाई के साथ वायरल फोटो को इंस्टाग्राम पर शेयर किया था।
राहुल गांधी के हाथ में चीन का संविधान?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी की एक फोटो शेयर कर दावा किया कि राहुल गांधी के हाथ में दिख रही लाल रंग की कवर पेज वाली संविधान की प्रति चीन का संविधान है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने पाया कि राहुल गांधी के हाथ में चीन का नहीं, बल्कि भारत का संविधान है। यह भारतीय संविधान का लाल रंग का कोट पॉकेट संस्करण है, जिसे प्रकाशक ईस्टर्न बुक कंपनी द्वारा बेचा जाता है।
कर्नाटक बीजेपी के X हैंडल से चुनावी दुष्प्रचारः
कर्नाटक बीजेपी के हैंडल से एक पोस्ट किया गया है, जिसमें सवाल किया गया कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो है या फिर मुस्लिम लीग का मेनिफेस्टो? इस पोस्ट में आगे शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब लागू करना, मुसलमानों को संपत्ति का वितरण, मुसलमानों को विशेष आरक्षण, व्यक्तिगत कानूनों का पालन करने की स्वतंत्रता, मुसलमानों को सीधे न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाना और सार्वजनिक तथा निजी संस्थाओं को मुसलमानों को नियुक्त करने का आदेश जैसी बातें लिखी गई हैं।
फैक्ट चेकः
कांग्रेस के घोषणापत्र के अल्पसंख्यक खंड के अंतर्गत कांग्रेस ने कहा है कि वह संविधान के तहत अपनी आस्था का पालन करने के मौलिक अधिकार और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करेगी और उन्हें बनाए रखेगी। इसमें यह भी कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर नागरिक की तरह अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, भोजन, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की स्वतंत्रता हो। हालांकि, इसमें किसी खास धार्मिक समुदाय का जिक्र नहीं है और न ही इसमें हिजाब लागू करने की बात कही गई है।
घोषणापत्र के ‘समानता’ खंड के अंतर्गत कांग्रेस ने देश भर में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना कराने का वादा किया है। इसमें कहा गया है कि आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस सकारात्मक कार्रवाई के एजेंडे को मजबूत करेगी। हालांकि, इसमें भी किसी विशेष समुदाय का उल्लेख नहीं है। अल्पसंख्यक वाले खंड के अंतर्गत कांग्रेस अल्पसंख्यकों के आर्थिक सशक्तिकरण की आवश्यकता पर जोर देती है। लेकिन इसमें भी मुसलमानों या किसी अन्य समुदाय को धन वितरित करने का कोई उल्लेख नहीं है।
आरक्षण के मामले में घोषणापत्र के ‘समानता’ खंड में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण की 50% सीमा को बढ़ाने का जिक्र किया गया है। कांग्रेस का यह भी कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों और समुदायों के लिए लागू किया जाएगा। हालांकि, कांग्रेस के घोषणापत्र में मुसलमानों के लिए किसी विशेष आरक्षण का उल्लेख नहीं किया गया है।
कांग्रेस तेलंगाना ने शेयर किया अमित शाह का फेक आरक्षण बयानः
कांग्रेस तेलंगाना के ऑफिशियल एक्स हैंडल से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि अमित शाह ने बयान दिया है कि बीजेपी सरकार में आने के बाद एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देगी।
फैक्ट चेकः
DFRAC ने पाया था कि अमित शाह का एडिटेड बयान शेयर किया गया है। उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। DFRAC ने अमित शाह के फेक बयान शेयर किए जाने फैक्ट चेक भी प्रकाशित किया है, जिसका जिक्र पहले किया जा चुका है।
बिहार बीजेपी के एक्स हैंडल से राहुल गांधी का एडिटेड बयान शेयरः
बिहार बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें राहुल गांधी कहते हैं, “नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री रहेंगे। शुरूआत में मैं आपको कह देता हूँ, जो बात सच है, 2024- 4 जून नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री रहेंगे। आप लिख के ले लो। नरेंद्र मोदी जी, हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री रह सकते हैं। हमने जो काम और मेहनत करनी थी, वो कर दी है। अब आप देखना उत्तर प्रदेश में हमारे गठबंधन को एक सीट नहीं मिलने वाली है।”
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने पाया की राहुल गांधी का एडिटेड बयान शेयर किया गया है। राहुल गांधी ने यह बयान नहीं था। ओरिजिनल बयान में वह कहते हैं कि “2024- 4 जून नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे। आप लिख के ले लो। नरेंद्र मोदी जी, हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं। हमने जो काम और मेहनत करनी थी, वो कर दी है। अब आप देखना उत्तर प्रदेश में हमारे गठबंधन को 50 से कम एक सीट नहीं मिलने वाली है।”
निष्कर्षः
लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों और उनके प्रमुख नेताओं द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ जमकर चुनावी दुष्प्रचार किया गया। इस दुष्प्रचार के लिए वीडियो एडिट किए गए, मेनिफेस्टों पर मनगढ़ंत आरोप लगाए गए और आरक्षण तथा संविधान को लेकर भी खूब भ्रामक दावे किए गए। इसके अलावा नेताओं द्वारा राजनीतिक सूचिताओं और मर्यादाओं का भी जमकर उल्लंघन किया गया।