सोशल मीडिया पर एक अखबार की न्यूज कटिंग शेयर की जा रही है। इस न्यूज कटिंग में प्रतापगढ़ की एक घटना का विवरण दिया गया है, जिसमें प्रतापगढ़ में पटेल और ब्राह्मण समुदाय के बीच विवाद के बाद पटेल समाज के दर्जनों घरों में आग लगाने का समाचार प्रकाशित किया गया है।
इस खबर को शेयर करने वाले यूजर्स यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए यूपी की सच्चाई बताने का दावा कर रहे हैं। एक यूजर ने इसे यूपी का मौजूदा हालात बताया है, तो एक अन्य यूजर ने योगी सरकार के अपराधियों के यूपी छोड़ देने के दावे पर तंज कसा है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल न्यूज कटिंग को गौर से देखा। हमने पाया कि इस खबर की तारीख में “रविवार 24 मई 2020” लिखा है। जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यूजर्स द्वारा शेयर की गई न्यूज कटिंग हाल-फिलहाल की नहीं है, बल्कि यह मई 2020 में हुई घटना की है। इस खबर में लिखा है कि यह विवाद प्रतापगढ़ जिले के गोविंदपुर गांव में हुआ है।
इसके बाद हमारी टीम ने प्रतापगढ़ के गोविंदपुर गांव में हुई घटना के संदर्भ में गूगल पर कुछ की-वर्ड्स सर्च किया। हमें इस घटना पर मई-जून 2020 की कई मीडिया कवरेज मिली। हिन्दुस्तान अखबार की खबर के अनुसार, “पट्टी थाना क्षेत्र के धुंई निवासी रामआसरे तिवारी व आसपुर देवसरा इलाके के गोविंदपुर निवासी नन्हे वर्मा के बीच 21 मई की शाम खेत में मवेशी जाने को लेकर हुए विवाद के चलते 22 मई को पंचायत के बाद मारपीट व बवाल हुआ था। ग्रामीणों के हमले में पांच पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।” वहीं ईटीवी भारत की खबर के अनुसार इस विवाद के बाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने गांव का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की थी और उन्हें इंसाफ का भरोसा दिलाया था। वहीं अन्य मीडिया रिपोर्ट में ग्रामीणों के बीच मारपीट की बात कही गई है।
सोर्स- हिन्दुस्तान, ईटीवी भारत और न्यूज नेशन
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है, क्योंकि ग्रामीणों के बीच मार-पीट की यह घटना मई 2020 की है।