सोशल मीडिया पर केरल की पिनाराई विजयन की सरकार को लेकर एक दावा शेयर किया गया है। एक यूजर ने आरटीआई के जरिए मिले जवाब के हवाले से दावा किया है कि केरल में पिछले 8 साल में सिर्फ 5839 सरकारी नौकरियों की वैकेंसी निकाली गई है। इसके अलावा कई अन्य दावे किए गए हैं।
इस दावे के साथ जीतेंद्र प्रताप सिंह नामक यूजर ने लिखा- “यह है वामपंथियों की सच्चाई केरल के वामपंथी मुख्यमंत्री पिनाराई विजय की उपलब्धियां देखें 1:- 8 साल में उन्होंने सिर्फ 5839 सरकारी नौकरी की वैकेंसी निकली (आरटीआई रिप्लाई के अनुसार) 2:- पिछले 8 सालों में केरल में एक भी नया उद्योग नहीं लगा 3:-केरल का हर किशोर नौजवान युवा गल्फ देशो में मजदूरी मेहनत करने के लिए मजबूर हो गया है 4:- बढ़ते कट्टर इस्लामी माहौल के कारण देसी विदेशी टूरिस्ट केरल आने से डरने लगे हैं और पर्यटकों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है 5:- केरल की अर्थव्यवस्था सिर्फ शराब और कर्ज पर चल रही है 6:- केरल सरकार की आय का सबसे बड़ा स्रोत लॉटरी है और लॉटरी के चक्कर में केरल के लोग बर्बाद होते जा रहे हैं 7:-हालात ऐसे हो गए कि जब गल्फ से लोग पैसा भेजते हैं तब केरल में रहने वाले उनके परिवार वालों का खर्च चलता है यह है सच्चाई जिसे वामपंथी गर्व से कहते हैं कि हमारा केरल सबसे शिक्षित राज्य है”
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फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे के संदर्भ में गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किया। हमें @IndiaToday की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) की जांच से पता चलता है कि केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम (केएसआईडीसी) ने 2016-2017 से 2023-2024 तक आठ वर्षों में 5,839 नौकरियां पैदा कीं।
Source- India Today
वहीं हमारी टीम ने केरल में नौकरियों के संदर्भ में गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें अलग-अलग वर्षों में प्रकाशित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। साल 2018 में ‘Financial Express’ की एक रिपोर्ट में सीएम विजयन ने बताया था कि केरल में दो साल में 77,569 सरकारी नौकरियां सृजित हुईं।
Source- Financial Express
वहीं 2022 में ‘The New Indian Express’ की रिपोर्ट में पिनाराई विजयन ने बताया था कि केरल पीएससी ने 2016 और फरवरी 2022 के बीच 1.8 लाख नियुक्ति ज्ञापन उस समय भेजे थे, जब कई क्षेत्र नवउदारवादी नीतियों के मद्देनजर छंटनी का सामना कर रहे थे।
Source- The New Indian Express
2021 में ‘On Manorama’ की प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि जून 2016 से फरवरी 2021 तक 109,585 लोगों को नए स्पार्क खातों से वेतन वितरित किया गया। हालाँकि, नई भर्तियों में 14,389 सहायता प्राप्त स्कूल शिक्षक हैं। चूँकि बाद वाले की नियुक्ति संबंधित स्कूलों के प्रबंध निकायों द्वारा की जाती है, वास्तव में 95,196 लोगों ने पीएससी के माध्यम से राज्य सेवा में नौकरियां हासिल की थीं।
Source- On Manorama
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि केरल में सिर्फ 5839 सरकारी नौकरियां देने का दावा भ्रामक है, क्योंकि RTI द्वारा जो सूचना प्राप्त हुई थी, वह केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम (KSIDC) से संबंधित थी। इसलिए यूजर का दावा भ्रामक है।