साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वॉच कथित तौर पर मानवाधिकार के मुद्दों को उठाने वाला एक ट्विटर अकाउंट है। इसके अब तक 120951 फॉलोवर है। अपने बायो में ये लिखता है कि ‘हमारा एक ऐसे कल का सपना है जहां महिलाएं, बच्चे, अल्पसंख्यक और मानवाधिकार सामान्य रूप से मानव सभ्यता की एक साझा अभिरक्षा में हो।‘
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अकाउंट की टाईमलाइन देखने पर पता चलता है कि मानवाधिकार की आड़ में ये भारत को निशाना बना रहा है। अकाउंट लंदन से संचालित होने का दावा करता है। लेकिन हकीकत ये है कि ये एक पाकिस्तानी अकाउंट है। जो भारत के खिलाफ अपना प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए फेक और भ्रामक कंटेंट भी पोस्ट करता है। DFRAC अपनी रिपोर्ट में विस्तार से इस पूरे षड्यंत्र का खुलासा करने जा रहा है।
पाकिस्तानी अकाउंट
@SAHR_Watch का पुराना यूजर नेम Isra (@hawyysachiiii) था। जो एक पाकिस्तानी लड़की के नाम से संचालित हो रहा था। जिसकी यूजर आईडी 1147203611178483712 है।
पुराना अकाउंट
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@SAHR_Watch द्वारा अपने पुराने यूजर नेम Isra (@hawyysachiiii) से कई ट्वीट किए गए। DFRAC द्वारा इन सभी ट्वीट को रिकवर किया गया। जिसे नीचे देखा जा सकता है।
@SAHR_Watch के पुराने अकाउंट से किए गए ट्वीट्स
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DFRAC द्वारा @SAHR_Watch द्वारा अपने पुराने यूजर नेम Isra (@hawyysachiiii) से किए गए ट्वीट में पाकिस्तानी अकाउंट से बातचीत को भी रिकवर किया गया।
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@SAHR_Watch द्वारा अपने पुराने यूजर नेम Isra (@hawyysachiiii) से किये गए कई ट्वीट डिलीट नहीं किए गए। जो अब भी मौजूद है। नीचे इन सभी ट्वीट को देखा जा सकता है।
इसके अलावा @SAHR_Watch द्वारा अपने पुराने यूजर नेम Isra (@hawyysachiiii) से कई पाकिस्तानी अकाउंट को टेग और मेंशन कर बातचीत भी की गई।
हालांकि पाकिस्तानी यूजर ट्विटर पर Isra (@hawyysachiiii) नामक अकाउंट नहीं मिलने पर वे उसे मिस भी कर रहे है।
इतना ही नहीं Isra (@hawyysachiiii) का कथित अकाउंट इंस्टाग्राम पर मौजूद है। जिसे ट्विटर पर शेयर किया गया था।
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ये अकाउंट भारत के खिलाफ अपने एजेंडे के प्रसार के लिए फेक और भ्रामक पोस्ट करते हुए भी पाया गया है। इससे पहले DFRAC कई ऐसे पाकिस्तानी अकाउंट के बारे में खुलासा कर चुका है। जो भारत के खिलाफ एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। वे अपनी पहचान छुपा कर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का अभियान चला रहे है। जिसमे प्रमुख सैफरन डायरीज नामक अकाउंट भी है। ये अकाउंट पहले पाकिस्तान के राहिद हामिद (@Rahidhamid1) के नाम से चल रहा था। DFRAC ने अपनी रिपोर्ट सैफरन डायरीज: वेरिफाईड पाकिस्तानी थिंक टैंक का ट्विटर पर घृणित दुष्प्रचार में इसका विश्लेषण किया है।
फेक और भ्रामक पोस्ट
1. भारत में ईसाई युवक की हिन्दूवादियों ने की मॉब लिंचिंग? पढ़ें- फैक्ट चेक
“साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वॉच’’ ने एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक की बीच सड़क पर जमकर पिटाई की जा रही है। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ईसाई समुदाय के युवक की हिन्दूवादी संगठन के लोग मॉब लिंचिंग कर रहे हैं।
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वीडियो को शेयर करते हुए “साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वॉच” ने लिखा “भारत में मॉब लिंचिंग की बढ़ती प्रवृत्ति को कैमरे में कैद किया गया है, क्योंकि एक हिंदू भीड़ एक ईसाई पर क्रूरता से हमला करती है। साम्प्रदायिक हिंसा और धार्मिक असहिष्णुता पर चिंताएँ बढ़ रही हैं, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।” (हिन्दी अनुवाद)
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम ने वीडियो को सबसे पहले कई फ्रेम्स में कन्वर्ट किया फिर उसे रिवर्स सर्च किया। हमें इस संदर्भ में ‘टीवी-9 भारतवर्ष’ की 23 दिसंबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गुजरात के वडोदरा जिले में एक दलित युवक की मॉब लिंचिंग की कोशिश की गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दलित युवक एक महिला के साथ बैठा था, जिसके बाद गुस्से में लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। पुलिस ने इस घटना में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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वहीं इस वीडियो के संदर्भ में हमें गुजरात से कांग्रेस विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में जिग्नेश भी दलित युवक की लिंचिंग की कोशिश का आरोप लगाकर राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
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वहीं कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी गुजरात के वडोदरा में दलित युवक की लिंचिंग की घटना को रिपोर्ट किया गया है।
Source: Editor Ji
Source: The Indian Express
निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो साल 2022 का है और इस घटना कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया गया दावा गलत है।
2. दलित अत्याचार पर साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वॉच ने फैलाई फे़क न्यूज़
साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वाच द्वारा एक वीडियो पोस्ट कर कहा गया कि- भारत में दलित समुदाय की दुर्दशा चिंता का कारण बनी हुई है, क्योंकि जाति-आधारित भेदभाव और हिंसा की घटनाएं खतरनाक आवृत्ति के साथ होती रहती हैं। (हिन्दी अनुवाद)
फैक्ट–चेक:
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले वीडियो को कई की-फ़्रेम में कनवर्ट किया। फिर उन्हें इंटरनेट पर रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें अख़बार, दैनिक भास्कर की तीन वर्ष पुरानी एक रिपोर्ट मिली, जिसे शीर्षक,“राजस्थान में शादीशुदा महिला से प्रेम प्रसंग होने पर युवक को जूते में पानी और पेशाब पिलाया, पांच गिरफ्तार” के तहत पब्लिश की गई।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर में कुछ लोगों ने यहां के भारुंदा गांव से एक युवक का अपहरण कर सिरोही के निकट सुपरणा (सरदारपुरा) गांव के एक कृषि कुएं पर रातभर पेड़ से बांध कर रखा। मारपीट के दाैरान शराब की बोतल में पेशाब और जूतों में पानी भरकर युवक को पिलाया। वे, आरोपी के गांव की ही स्वजातीय विवाहिता से प्रेम प्रसंग रखने से नाराज़ थे। दूसरे दिन सुबह पीड़ित के माता-पिता मौके पर पहुंचे तो आरोपियों ने दंड स्वरूप उनसे 5 हजार रुपए भी वसूले।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आ गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव ने सिरोही के पुलिस अधीक्षक से घटना की रिपोर्ट तलब की थी।
इस घटना को अन्य मीडिया हाउसेज़ ने भी कवर किया था
ये वीडियो पहले भी 2020 में वायरल हो चुका है।
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वहीं हमें इस बाबत राजस्थान पुलिस का एक ट्वीट भी मिला, जिसके अनुसार- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दलित के साथ ज़्यादती का दावा किया गया है, जबकि ये दावा सरासर ग़लत है, क्योंकि दोनों पक्ष एक ही समुदाय से संबंधित हैं। ये वीडियो साल 2020 का है, मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
निष्कर्ष:
साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वाच का दावा ग़लत है, क्योंकि ये वीडियो वर्ष 2020 का है और घटना एक ही समुदाय के दो पक्षों की है।
पाकिस्तान के समर्थन में ट्वीट
इस अकाउंट से पाकिस्तान के समर्थन में भी कई ट्वीट हुए। ये ट्वीट पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस, मुहम्मद अली जिन्ना के जन्मदिवस आदि से सबंधित है।
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नीचे दिया गया वर्डक्लाउड @SAHR_Watch के ट्वीट में ज़्यादातर उपयोग किए गए शब्दों को इंगित करता है। ट्वीट में “मानवाधिकार”, “हिंसा”, “पुलिस”, “महिला”, “दलित”, आदि शब्दों के बाद प्रमुखता से “भारत” का उपयोग किया गया है।
नीचे दिया गया ग्राफ़ अकाउंट की व्यस्तता को दर्शाता है। ग्राफ से यह देखा जा सकता है कि ये अकाउंट अक्टूबर 2022 के बाद निष्क्रिय था। 5 महीने की निष्क्रियता के बाद अकाउंट ने अप्रैल में ट्वीट करना फिर से शुरू किया।
नीचे दिया गया ग्राफ़ इस अकाउंट द्वारा उपयोग किए गए हैशटैग के प्रकारों को दर्शाता है। #DalitLivesMatter हैशटैग को सबसे ज्यादा बार उपयोग किया गया, इस हैशटैग पर कुल 160 ट्वीट किए गए, इसके बाद #unhrc में लगभग 70 ट्वीट किए गए। अकाउंट से #India, #EndPoliceBrutality, #Dalit का भी इस्तेमाल किया गया।
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक साइबर वार छेड़ा हुआ है। जिसमे वह ज्यादा फॉलोवर और रीच वाले अकाउंट को भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है। इन फेक अकाउंट के जरिए मुस्लिमों-दलितो के खिलाफ होने वाली हिंसा को मुद्दा बना कर वह भारत को मानवाधिकार के उल्लंघन का दोषी बता रहा है।