हाल ही में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मेरठ स्थित शहीद कोतवाल धन सिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में शहीद कोतवाल धन सिंह गुर्जर की प्रतिमा के अनावरण के लिए पहुंचे थे।
इस मौके पर उन्होने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी प्राणों की आहूति देने वाले बलिदानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर निवासी और वंचित समाज की वीरांगना महावीरी देवी ने अपनी 22 महिला साथियों के साथ मेरठ की क्रांति से दो दिन पहले क्रांति से पहले अंग्रेजों पर हमला किया था। बाद में सभी 22 वीरांगनाओं को मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि बात मध्यम कालीन समय की करें तो मेरठ-हरिद्वार क्षेत्र में रामप्यारी गुर्जर 40 हजार सैनिकों की सेना एकत्र की थी और तैमूर को खदेड़ा।
फैक्ट चेक:
उपराष्ट्रपति के रामप्यारी गुर्जर द्वारा 40 हजार सैनिकों की सेना एकत्र कर तैमूर को खदेड़ने के दावे पर कई लोगों ने सवाल उठाए। ऐसे में DFRAC ने इस बारे में ऐतिहासिक स्रोतों से तथ्य एकत्रित किये।
टीम ने सबसे पहले एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका पर उपलब्ध तैमूर की जीवनी को देखा। जिसमे बताया गया कि 1398 में तैमूर ने इस बहाने भारत पर आक्रमण किया कि दिल्ली के मुस्लिम सुल्तान अपनी हिंदू प्रजा के प्रति अत्यधिक सहिष्णुता दिखा रहे हैं। उसने 24 सितंबर को सिंधु नदी को पार किया और नरसंहार का निशान छोड़ते हुए दिल्ली पर चढ़ाई की। दिल्ली के सुल्तान महमूद तुगलक की सेना को 17 दिसंबर को पानीपत में नष्ट कर दिया, और दिल्ली खंडहरों के ढेर में सिमट गई थी, जिससे उभरने में एक शताब्दी से अधिक समय लगा था। अप्रैल 1399 तक तैमूर अपनी राजधानी में वापस आ गया था।‘ पूरी जीवनी में हमें कहीं पर भी हमें रामप्यारी गुर्जर का कोई उल्लेख नहीं मिला।
इसके अलावा हमें युनेस्को की वेबसाइट पर के. जेड. अशरफयान द्वारा लिखी ‘तैमूर के अधीन मध्य एशिया, 1370 से पंद्रहवीं सदी की शुरुआत तक’ पुस्तक भी मिली। इस पुस्तक में भी तैमूर के भारत पर आक्रमण के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। लेकिन हमें रामप्यारी गुर्जर से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली।
इसके विपरीत notesonindianhistory.com नामक वेबसाइट पर हमें एक लेख मिला। जिसमे रामप्यारी गुर्जर को तैमूर को हराने वाली एक काल्पनिक महिला योद्धा बताया गया। साथ ही इस पूरी कहानी को मनगढ़ंत करार दिया गया।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का रामप्यारी गुर्जर द्वारा 40000 सैनिकों के साथ मिलकर तैमूर को हराने का दावा फेक है।