सोशल मीडिया पर 2 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में स्कूली बच्चों को संस्कृत में श्लोक पढ़ते देखा जा सकता है। इन बच्चों में कुछ बच्चे भारतीय हैं, तो कुछ बच्चे विदेशी मूल के हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर करके दावा कर रहे हैं कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के निधन पर रॉयल बकिंघम पैलेस में हिन्दू संस्कृति के तहत संस्कृत में श्लोकों का मंत्रोच्चार हुआ है।
एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- “ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के निधन पर हिंदू संस्कृति के मंत्रोच्चार. भारत माता की जय. @PMOIndia @HMOIndia @RSSorg @narendramodi @myogiadityanath”
वहीं कई अन्य यूजर्स भी इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए हमने सबसे वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में www.WildFilmsIndia.com का वाटरमार्क लगा था। हमने वीडियो के सत्यता की पुष्टि के लिए WildFilmsIndia के यूट्यूब चैनल पर सर्च किया। इस वीडियो को WildFilmsIndia द्वारा 25 मई 2019 को पोस्ट किया गया था।
इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक- “द क्वीन्स बैटन रिले की शुरूआत 1958 में कार्डिफ कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ हुई थी। यह यात्रा तब से प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान होती आ रही है। खेलों की सबसे बड़ी परंपराओं में से एक, रिले राष्ट्रमंडल की एकता का प्रतिनिधित्व करती है। यात्रा खेल और संस्कृति के इस चतुष्कोणीय आयोजन का जश्न मनाती है और जहां भी जाती है राष्ट्रमंडल के सौहार्द का संदेश देती है। यह राष्ट्रमंडल के सभी 71 देशों और क्षेत्रों को ‘खेल के माध्यम से शांति और सद्भाव’ के एकान्त संदेश के साथ बांधता है। 29 अक्टूबर 2009 को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के संदेश को लेकर बकिंघम पैलेस से अपनी यात्रा पर निकलेगी। क्वीन्स बैटन रिले 2010 दिल्ली अब तक की सबसे लंबी बैटन रिले में से एक होने जा रही है। अपने अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में, बैटन 240 दिनों के लिए राष्ट्रमंडल के सभी देशों और क्षेत्रों से होकर गुजरेगा और अगले 100 दिनों बाद भारत से होकर गुजरेगा।”
निष्कर्षः
हमारे फैक्ट चेक से स्पष्ट हो रहा है कि यह वीडियो 2009 के क्वींस बैटन रिले का है, जब 29 अक्टूबर 2009 को बकिंघम पैलेस से बैटन रिले निकला था और उसे 2010 में तक भारत की राजधानी नई दिल्ली पहुंचना था। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा गलत है।