भारतीय मुस्लिमों के उत्पीड़न का एक वीडियो सोशल मीडिया साइट्स पर व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है। सीजे वेरलेमैन जो खुद को इस्लामोफोबिया के खिलाफ एक एक्टिविस्ट होने का दावा करते हैं, उसने वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया कि हिंदू कट्टरपंथी पुलिसकर्मियों के एक ग्रुप ने एक मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्ति पर हमला कर दिया।
उसने ट्वीट किया, “देखिए हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों ने एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति पर बेरहमी से हमला किया।” (हिंदी अनुवाद)
https://twitter.com/cjwerleman/status/1536839680968507394?s=20&t=IrQ__jxJMsCjZYxwIZhSiw
@Muslim__news ने भी अरबी मे वीडियो को कैप्शन, “भारत में मुसलमानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है। बूढ़े आदमी पर भारतीय पुलिस द्वारा बल के क्रूर प्रयोग को देखिए। भयंकर!! यह हिंदुत्व और भारत में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा है।” (हिन्दी अनवाद)
هكذا يتم التعامل مع المسلمين في الهند.
أنظروا إلى سن الرجل العجوز والاستخدام الوحشي للقوة من قبل الشرطة الهندية. فظيع !!هذا هو الوجه الحقيقي للهندوتفا وحزب بهاراتيا جاناتا الحاكم بالهند.#اطردوا_الهندوس_من_الخليج
https://t.co/mIaa6yVTds— أخبار المسلمين (@Muslim__News) June 14, 2022
फैक्ट चेक:
सीजे वेरलेमैन के ट्वीट के ठीक नीचे हमें बरेली पुलिस के जवाब मिले, जिसमें कहा गया है, “विचाराधीन वीडियो 2020 का है जब पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया था। अवैध रूप से जमा होने वाली भीड़ ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया ताकि COVID संक्रमण न फैले।”
इसके अलावा बरेली पुलिस ने यह भी लिखा- “इस ट्विटर हैंडल से फेक न्यूज फैलाई जा रही है। यह वीडियो 2020 का है जब कोरोना लॉकडाउन लागू किया जा रहा था। अवैध रूप से एकत्र हुए लोगों ने पुलिस से बदसलूकी करने की कोशिश की। पुलिस ने इसे तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया ताकि कोविड न फैले।” (हिन्दी अनुवाद)
निष्कर्ष:
बरेली पुलिस द्वारा वीडियो के बारे में स्पष्टीकरण देने के बाद यह स्पष्ट हो रहा है कि वीडियो वर्ष 2020 का है और सीजे वेरलेमैन ने इसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया है।
दावा: पुलिसकर्मियों द्वारा एक मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्ति कि पिटाई की गई
दावाकर्ता: @cjwerleman
फैक्ट चेक: भ्रामक