सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है। इस वायरल अखबार की कटिंग का खबर का शीर्षक- “बिजली विभाग को खरीदने अडानी टाटा समेत 9 कंपनियां आगे आईं” दिया गया है। इस कटिंग को फेसबुक और ट्वीटर पर पोस्ट कर लोग दावा कर रहे हैं कि सरकार बिजली विभाग को बेचने जा रही है, इसलिए कोयला संकट को पैदा किया गया था।
फेसबुक पर एन.के. निर्मल नाम के यूजर ने लिखा- “कोयला खत्म नहीं हुआ, किया गया है, बिजली विभाग को बेचने के लिए, आप लोग हमारा पेज फॉलो करें और शेयर करें।”
फैक्ट चेकः
इस वायरल अखबार की कटिंग की फैक्ट चेक के लिए हमने खबर के हेडलाइंस- “बिजली विभाग को खरीदने अडानी टाटा समेत 9 कंपनियां आगे आईं” को सर्च किया। सर्च करने पर हमें अमर उजाला की एक खबर का लिंक मिला, जो वायरल हो रही कटिंग की हेडलाइंस से मिलती जुलती है। लेकिन यह खबर 19 नवंबर 2020 को प्रकाशित की गई है।
वहीं अमर उजाला के पत्रकार रिशुराज ने भी 19 नवंबर 2020 को अखबार की कटिंग शेयर किया है, जो बिल्कुल वायरल अखबार की कटिंग की तरह है। उन्होंने जानकारी देते हुए लिखा- “चंडीगढ़ के बिजली विभाग को खरीदने के लिए अडानी, टाटा समेत 9 कंपनियों ने अपनी इच्छा जताई है। प्रशासन ने बीते दिनों बिजली विभाग की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए टेंडर जारी किया है।”
चंडीगढ़ के बिजली विभाग को खरीदने के लिए अडानी, टाटा समेत 9 कंपनियों ने अपनी इच्छा जताई है। प्रशासन ने बीते दिनों बिजली विभाग की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए टेंडर जारी किया है।@AU_CDGNews pic.twitter.com/5ZKR4gngl4
— Rishu Raj Singh (@rishuraj_chd) November 19, 2020
अमर उजाला की खबर और उसके पत्रकार रिशुराज की पोस्ट से स्पष्ट होता है कि यह खबर करीब दो साल पुरानी है। जिसका वर्तमान कोयला संकट से कोई लेना-देना नहीं है।
निष्कर्षः
हमारी फैक्ट चेक में सामने आया है कि सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है। करीब दो साल पुरानी अखबार की कटिंग को वर्तमान कोयला संकट से जोड़कर सोशल मीडिया यूजर्स लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
दावा- अडानी- टाटा को बिजली विभाग बेचने के लिए पैदा किया गया कोयला संकट
दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स फैक्ट चेक- भ्रामक |