रामनवमी के जुलूस के दौरान मध्य प्रदेश के खरगोन में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। कई ऐसे वीडियो और फोटो थे, जो या तो फेक थे या फिर गलत संदर्भ के साथ वायरल किए जा रहे थे। DFRAC की टीम द्वारा इन फेक और गलत संदर्भों के साथ वायरल किए गए तस्वीरों और वीडियो का फैक्ट किया जा चुका है।
वहीं सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हो रहा है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश के खरगोन में कुछ मुस्लिम महिलाओं को हिन्दूओं पर पत्थरबाजी करने और पेट्रोल बम से हमला करने पर गिरफ्तार किया गया है।
*MP के #खरगौन मे #हिन्दुओं पर #पत्थर और #पेट्रोल बम चलाने वाली #सलमा,#रुकसाना को जेल भेजती #पुलिस*
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*बाबुल की दुवाये लेती जा…………😍👆* pic.twitter.com/lguQdqfTan— Vikram Sony#प्रशासक समिति (@VikramS01862646) April 15, 2022
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बाबुल की दुवाये लेती जा…………😍👇 pic.twitter.com/iUBqwJVevg— Ashish Pandit (@AshishP06918663) April 15, 2022
MP के #खरगौन मे #हिन्दुओं पर #पत्थर और #पेट्रोल बम चलाने वाली #सलमा,#रुकसाना को जेल भेजती #पुलिस
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बाबुल की दुवाये लेती जा…………😍👆 pic.twitter.com/1uUS0O2NM7— ए बी कुमावत मेवाड़ Rajsamand (सनातनी) (@AmbalalKumawa11) April 15, 2022
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे वीडियो का फैक्ट चेक करने के बाद सामने आया कि यह वीडियो मध्य प्रदेश के खरगोन का नहीं है। बल्कि यह वीडियो साल 2020 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का है, जहां कोरोना के दौरान डॉक्टरों की टीम पर एक ग्रुप द्वारा हमला कर दिया जाता है।
इंडिया ब्लूम्स न्यूज सर्विस ने भी 15 अप्रैल 2020 को वीडियो पोस्ट किया था। जब पूरे शहर ने कोविड-19 के समय में सेवा कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों पर हमला किया गया था।
निष्कर्षः
इस फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल हो रहा वीडियो मध्य प्रदेश के खरगोन का नहीं बल्कि यूपी के मुरादाबाद का है। इस वीडियो का खरगोन हिंसा से कोई संबंध नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा झूठा और भ्रामक है।
दावा- हिन्दुओं पर हमला करने पर मुस्लिम महिलाएं हुईँ गिरफ्तार
दावाकर्ता- Vikram Sony#प्रशासक समिति
फैक्ट चेक- झूठा और भ्रामक