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फैक्ट चेक: क्या करौली हिंसा के बाद दक्षिणपंथियों ने मस्जिद के पास किया हमला?

राजस्थान के करौली शहर में हुए सांप्रदायिक झड़प के बाद इलाके में तनाव के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी नफरत और घृणा पैदा कर दी है। घटना के बाद कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब मुसलमानों पर हमला होता है तो लोग चुप क्यों रहते हैं और हिंदुओं के घर जलाने पर विरोध करते हैं।

हारुन खान ने 27 सेकंड की एक छोटी क्लिप पोस्ट की। जिसमें दावा किया गया कि लोग मस्जिद के सामने भगवा झंडे लहरा रहे हैं और नारे लगा रहे हैं। वो दावा कर रहे हैं कि वे मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और राजस्थान के करौली में हिंदुओं के साथ हुई हिंसा का विरोध कर रहे हैं।

 

कई अन्य यूजर्स ने भी यही वीडियो पोस्ट किया और दावा किया कि यह वीडियो करौली हिंसा का है।

https://twitter.com/MediaDnow/status/1510912493824229380?s=20&t=KPHyhd0sTfJ3Iq6yv48sdQ

फैक्ट चेकः

रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें अलजज़ीरा का एक लेख मिला। जिसमें उन्होंने वायरल विरोध की तस्वीर डाली है। इस लेख के अनुसार तेजस्वी सूर्या ने 27 मार्च को फिट इंडिया मूवमेंट के नाम से एक साइकिल रैली आयोजित की, जहां उन्होंने अन्य भाजपा सांसदों के साथ बैंगलोर शहर से कर्नाटक के कोलार शहर तक रैली की।

इसके बाद जब साइकिल रैली मस्जिद के पास पहुंची, तो बाइकर्स ने अनुशासनहीन तरीके से नाचने, चिल्लाने या व्यवहार करने लगे। जबकि यह घटना कर्नाटक के कोलार शहर में हुई और यह घटना उस मामले के अंतर्गत आती है, जहां मुस्लिम महिलाओं की एक ऐप्लीकेशन के जरिए नीलामी किए जाने की बात सुनकर मुस्लिम समुदाय के लोग आक्रामक हो गए थे।

मोहम्मद इरशाद ने 29 मार्च को मस्जिद के सामने विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों के वीडियो को पोस्ट किया था।

इस फैक्ट चेक से साबित होता है कि वीडियो पुराना है और इसका करौली हिंसा की घटना से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि करौली में हिंसा 4 अप्रैल को हुई थी और वायरल वीडियो 29 मार्च को प्रसारित हुआ था।

निष्कर्ष: इसलिए, दावा भ्रामक है।

दावा- करौली हिंसा के बाद दक्षिणपंथियों ने मस्जिद के पास किया हमला

दावाकर्ता- Harun khan هارون خان

फैक्ट चेकः भ्रामक

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