राजस्थान के करौली शहर में हुए सांप्रदायिक झड़प के बाद इलाके में तनाव के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी नफरत और घृणा पैदा कर दी है। घटना के बाद कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब मुसलमानों पर हमला होता है तो लोग चुप क्यों रहते हैं और हिंदुओं के घर जलाने पर विरोध करते हैं।
हारुन खान ने 27 सेकंड की एक छोटी क्लिप पोस्ट की। जिसमें दावा किया गया कि लोग मस्जिद के सामने भगवा झंडे लहरा रहे हैं और नारे लगा रहे हैं। वो दावा कर रहे हैं कि वे मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और राजस्थान के करौली में हिंदुओं के साथ हुई हिंसा का विरोध कर रहे हैं।
Where are the so-called champions of Human Rights when houses of Muslims are being burned in India.#Karauli #Karauliviolence https://t.co/774PV5huvh pic.twitter.com/gqjnI9r52p
— هارون خان (@iamharunkhan) April 5, 2022
कई अन्य यूजर्स ने भी यही वीडियो पोस्ट किया और दावा किया कि यह वीडियो करौली हिंसा का है।
https://twitter.com/MediaDnow/status/1510912493824229380?s=20&t=KPHyhd0sTfJ3Iq6yv48sdQ
फैक्ट चेकः
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें अलजज़ीरा का एक लेख मिला। जिसमें उन्होंने वायरल विरोध की तस्वीर डाली है। इस लेख के अनुसार तेजस्वी सूर्या ने 27 मार्च को फिट इंडिया मूवमेंट के नाम से एक साइकिल रैली आयोजित की, जहां उन्होंने अन्य भाजपा सांसदों के साथ बैंगलोर शहर से कर्नाटक के कोलार शहर तक रैली की।
Cyclists from Kolar led by their energetic MP Shri @bjp_muniswamy joined the #Cycle2Freedom ride at Narsapura in large numbers.
Grateful to them for adding strength & joining the #FitIndia movement.#AzadiKaAmritMahotsav @BJYM pic.twitter.com/FuXnn8obpe
— Tejasvi Surya (ಮೋದಿಯ ಪರಿವಾರ) (@Tejasvi_Surya) March 27, 2022
इसके बाद जब साइकिल रैली मस्जिद के पास पहुंची, तो बाइकर्स ने अनुशासनहीन तरीके से नाचने, चिल्लाने या व्यवहार करने लगे। जबकि यह घटना कर्नाटक के कोलार शहर में हुई और यह घटना उस मामले के अंतर्गत आती है, जहां मुस्लिम महिलाओं की एक ऐप्लीकेशन के जरिए नीलामी किए जाने की बात सुनकर मुस्लिम समुदाय के लोग आक्रामक हो गए थे।
मोहम्मद इरशाद ने 29 मार्च को मस्जिद के सामने विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों के वीडियो को पोस्ट किया था।
Tejasvi Surya had organised a cycle rally from Bangalore to Kolar on March 21. When the rally reached the Hussaini Makan Masjid of Kolar the people who participated in the rally stopped and started doing this nuisance.
What is the message? pic.twitter.com/9UwiZlGbEm
— Mohammed Irshad (@Shaad_Bajpe) March 29, 2022
इस फैक्ट चेक से साबित होता है कि वीडियो पुराना है और इसका करौली हिंसा की घटना से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि करौली में हिंसा 4 अप्रैल को हुई थी और वायरल वीडियो 29 मार्च को प्रसारित हुआ था।
निष्कर्ष: इसलिए, दावा भ्रामक है।
दावा- करौली हिंसा के बाद दक्षिणपंथियों ने मस्जिद के पास किया हमला
दावाकर्ता- Harun khan هارون خان
फैक्ट चेकः भ्रामक