भारत और कुवैत के रिश्ते सदियो से चले आ रहे है। भारत कुवैत के शीर्ष व्यापार भागीदारों में से एक है। कुवैत में लाखों की संख्या में भारतीय प्रवासी न केवल कुवैत में रोजगार पा रहे है। बल्कि उनके द्वारा भेजी जाने वाली अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा भारत के विकास में भी अहम योगदान दे रही है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, कुवैत भारत का 10वां सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा। जिसने भारत की ऊर्जा जरूरतों का लगभग 3.8 प्रतिशत पूरा किया। साथ ही इस दौरान कुवैत के साथ भारत का कुल द्विपक्षीय व्यापार 10.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। लेकिन बीते कुछ सालों से कुवैत में लगातार भारत विरोधी माहौल देखने को मिल रहा है।
हाल ही में भारत के कर्नाटक में सामने आए हिजाब विवाद को लेकर कुवैत सहित खाड़ी देशों में भारत के खिलाफ भारी विरोध देखने को मिला। ट्विटर पर भारतीय राजदूत को कुवैत से निकालने, भारत के उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए #Expel_Indian_Ambassador, #Boycott_Hindu_Products, #طرد_السفير_الهندي और #भारतीय_राजदूत_को_खदेड़ना आदि हैशटैग चलाये गए। इतना ही नहीं कुवैत की संसद में बीजेपी नेताओं की एंट्री को कुवैत में बैन करने तक की भी मांग की गई।
इस पूरे अभियान में पाकिस्तान की संदिग्ध भूमिका भी देखने को मिली। इस्लामिक मुल्क, परमाणु शक्ति संपन्न और ओआईसी के फाउंडिंग मेंबर होने के कारण पाकिस्तान का मध्य-पूर्व और अरब देशों से विशेष सबंध रहा है। जिसका इस्तेमाल वह भारत के खिलाफ करता आया है। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। कश्मीर सहित विभिन्न मुद्दों पर पाकिस्तान को भारत के खिलाफ अरब देशों का वो साथ नहीं मिला। जो उसे पहले मिलता आया है। ऐसे में अब वह अरब देशों की अवाम को भारत के खिलाफ भड़का रहा है। इसके लिए उसने भारत में मुस्लिमों के खिलाफ होने वाली सांप्रदायिक राजनीति को अपना हथियार बनाया है। वह खाड़ी देशों के एक्टिविस्ट, मीडिया हाउस और सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है।
हिजाब विवाद
जनवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी के सरकारी पीयू कालेज में हिजाब पहनकर आई 6 मुस्लिम छात्राओं को प्रवेश देने से इंकार करने के बाद राज्य में हिजाब विवाद शुरू हुआ। कथित तौर पर कॉलेज विकास समिति (CDC) में शामिल स्थानीय बीजेपी नेता ने कालेज में हिजाब बैन की मांग की थी। मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब पहनने को अपना मौलिक अधिकार बताते हुए कॉलेज के आदेश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। जो देखते ही देखते पूरे राज्य में फ़ेल गया। मुस्लिम छात्राओं के प्रदर्शन के विरोध में भगवा संगठनों ने भी कॉलेज केंपस में भगवा गमछा पहन कर प्रदर्शन किया। इस दौरान मांड्या ज़िले के एक डिग्री कॉलेज में भगवा गमछा पहने छात्रों ने हिजाब पहन कर कॉलेज आई बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा मुस्कान ख़ान के साथ ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए बदसलूकी की। इस पूरे घटनाक्रम ने इस मामले को अंतराष्ट्रीय बना दिया।
हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में हिजाब पहनने को इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं माना। अब छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
कुवैत में भारत विरोधी अभियान
कुवैत सहित अरब देशों में भारत विरोधी अभियान हिजाब विवाद के पहले से ही जारी है। इससे पहले पैगंबर मुहम्मद (सल्ल.) के अपमान, असम दंगों आदि को लेकर भी भारत के खिलाफ कुवैत में #IndianMuslimsUnderAttack, #الهند_تقتل_المسلمين, #مقاطعه_المنتجات_الهنديه, #مقاطعه_المنتجات_الهنديه عمان आदि हैशटैग चलाये गए। इन हैशटैग के साथ किए गए ट्वीट में देखा जा सकता है कि असम दंगों के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताया गया। साथ ही धर्म के आधार पर मुस्लिमों की हत्या का भी आरोप लगाया गया।
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कुवैत में जारी भारत विरोधी अभियान में हिजाब विवाद ने आग में घी डालने का काम किया है। इसके विरोध में सड़क से लेकर संसद तक कुवैत में भारत के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन देखा गया। कुवैत सिटी में भारतीय दूतावास के बाहर सैकड़ों कुवैती महिलाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही ट्विटर पर #Expel_Indian_Ambassador, #Boycott_Hindu_Products, #طرد_السفير_الهندي, #भारतीय_राजदूत_को_खदेड़ना आदि हैशटैग चलाये गए।
कुवैत और हिजाब विवाद
कुवैत में जारी भारत विरोधी अभियान में हिजाब विवाद ने आग में घी डालने का काम किया है। हिजाब विवाद के विरोध में सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक भारत के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन देखा गया। कुवैत सिटी में भारतीय दूतावास के बाहर भी सैकड़ों महिलाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही ट्विटर पर #Expel_Indian_Ambassador, #Boycott_Hindu_Products, #طرد_السفير_الهندي, #भारतीय_राजदूत_को_खदेड़ना आदि हैशटैग चलाये गए।
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इन हैशटैग के पीछे का उद्देश्य कुवैतवासियों को बताना था कि भारत में हिंदुत्ववादियों की और से मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। भारत में मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने की भी इजाजत नहीं है। इन हैशटैग के साथ ट्वीट में कुवैत से भारतीय राजदूत और सभी खाड़ी देशों से भारतीय हिंदुओं को निष्कासित करने और भारत के उत्पादों के बहिष्कार तक करने की भी मांग की गई।
#Expel_Indian_Ambassador के अंतर्गत किए गए अधिकतर ट्वीट हिंदुत्ववादी नेताओं के मुस्लिमों के खिलाफ दिये गए भड़काऊ भाषणो के है। हिंदुत्ववादी नेताओं के भड़काऊ भाषणो का हवाला देकर ये बताने की कोशिश की गई है कि भारत में मोदी सरकार ने हिंदुत्ववादियों को मुस्लिमों पर अत्याचार करने की खुली छूट दे दी है।
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इन हैशटेग के अंतर्गत किए गए ट्वीट में भारत में होने वाली सांप्रदायिक राजनीति की तीखी आलोचना की गई है। साथ ही भारत में मुस्लिमों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए भारतीय उत्पादों के पूर्ण बहिष्कार पर ज़ोर दिया गया।
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طرد_السفير_الهندي का हिंदी में अर्थ होता है कि भारतीय राजदूत का निष्कासन। इस हैशटैग के साथ किए गए ट्वीट में ज्यादतर हिजाब विवाद को लेकर भारतीय मुस्लिमों के साथ एकजुटता दिखाई गई है। साथ ही हिजाब पहनने को अपना अधिकार बताया गया है।
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इस हैशटैग के अंतर्गत किए गए सभी ट्वीट का पेटर्न भी अन्य हैशटैग की तरह से किए गए ट्वीट से ही मिलता-जुलता है। अरबी भाषा में किए गए इन ट्वीट में भारत में मुस्लिमों पर जुल्म, भारतीय उत्पादों के बहिष्कार, हिजाब पर पाबंदी का विरोध आदि से जुड़े ट्वीट किए गए।
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हैशटैग के साथ इंटरैक्ट होने वाले अकाउंट
नीचे दिया गया ग्राफ़ उन अकाउंट के बारे में जानकारी देता है। जिन्होंने हैशटैग के साथ सबसे अधिक इंटरैक्ट किया। उनमे @abu1112220, @hassanraisi70, @TAlaostora, आदि शामिल हैं।
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हैशटैग का इस्तेमाल
पूरे हिजाब विवाद के दौरान कुवैत में #طردالسفيرالهندي, #भारतीय_राजदूत_को_खदेड़ना, #Expel_Indian_Ambassador, #Boycott_Hindu_Products, #Indian_मुसलमान, आदि हैशटैग का अधिकतर उपयोग किया गया।
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अकाउंट मेंशन
इन हैशटैग के साथ किए गए ट्वीट्स में जिन अकाउंट का उल्लेख किया गया। उनमें @jredh_q8 और @a_albdayeh को लगभग सबसे ज्यादा 220 बार मेंशन किया गया, इसके बाद @AmbSibiGeorge को 140 से अधिक बार मेंशन किया गया।
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टाईमलाइन
हैशटैग के साथ इंटरैक्ट करने वाले 3000 से अधिक अकाउंट के बनाने की टाईमलाइन नीचे दी गई है। ग्राफ से पता चलता है कि इन अकाउंट को बनाने की आवृत्ति सितंबर 2019 में बढ़ी और अधिकतम अकाउंट 2021 के अगस्त में बनाए गए।
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वर्डक्लाउड
नीचे उन शब्दों का वर्डक्लाउड है जो हैशटैग के साथ प्रयोग किया गए थे। वर्डक्लाउड में यह स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि कुछ शब्द जो अधिकतम बार उपयोग किए गए थे, उनमें “मुस्लिम”, “बहनें”, “हिंदू”, “उत्पाद”, “बहिष्कार”, “भारतीय”, “चरमपंथी”, आदि शामिल हैं।
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वर्ल्ड मैप पर यूजर
नीचे दुनिया का नक्शा दिया गया है जहां सभी यूजर की लोकेशन बताई गई है, जिन्होंने हैशटैग में भाग लिया गया। यह देखा गया है कि ट्वीट करने वाले अधिकांश यूजर भारत और फिर सऊदी अरब के थे। 380 से अधिक यूजर भारत से थे और 370 से अधिक सऊदी अरब से थे। इसके बाद क्रमशः 255 कुवैत से, 175 पाकिस्तान से और 129 मिस्र से थे।
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वे भारतीय अकाउंट जिन्होंने हैशटैग में हिस्सा लिया
नीचे कुछ ऐसे यूजर की लिस्ट दी गई है, जिन्होंने हैशटैग के साथ ट्वीट किए। उनमें से शामिल हैं, @Aaliyaparven, @AliRuhiAli1983, @Qariowaisazmi, @USMANAH51877972 आदि।
ये अकाउंट कुवैती वकील मेज़बेल अल शारिका का है। उन्होने पिछले कई समय से भारत में मुसलमानों पर हिंदुत्ववादियों के अत्याचार का कुवैत में प्रमुख मुद्दा बनाया हुआ है। उन्होने ट्विटर पर बाबरी मस्जिद, कश्मीर, भारत में इस्लामोफोबिया, हिजाब आदि को लेकर बड़ी संख्या में ट्वीट किए है। हाल ही में वह ट्विटर पर हिजाब विवाद को लेकर कुवैत में भारत के राजदूत के साथ सीधे भीड़ते हुए भी नजर आए।
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वर्डक्लाउड
नीचे अल शारिका द्वारा किए गए ट्वीट्स में इस्तेमाल किए गए शब्दों का वर्डक्लाउड है। वे शब्द जो अत्यधिक उपयोग किए गए, वे हैं, “भारत”, “कुवैत” और “मुस्लिम”
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इंगेजमेंट
इंगेजमेंट ग्राफ दिखाता है कि अल शारिका का अकाउंट ज़्यादातर व्यस्त रहा। वह नियमित रूप से ट्विटर पर पोस्ट करते रहते है।
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मंथली इंगेजमेंट
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टाइप्स ऑफ पोस्ट
नीचे दिया गया पाई-चार्ट बताता है कि @MJALSHRIKA ने 51% से अधिक री-ट्वीट किये। उनकी टाइमलाइन में 27.6% ट्वीट और 20.8% रिप्लाई देखे जा सकते हैं।
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हैशटैग
नीचे उन हैशटैग की लिस्ट दी गई है। जो ज्यादातर @MJALSHRIKA द्वारा उपयोग में लाये गए।
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यूजर मेंशन
नीचे उन यूजर को दर्शाने वाला ग्राफ़ है, जिनको @MJALSHRIKA द्वारा ज़्यादातर बार मेंशन किया गया।
निष्कर्ष:
पाकिस्तान ने कुवैत सहित अरब देशों में अपने एजेंटो के जरिये भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का एक बड़ा अभियान छेड़ा हुआ है। जो सोशल मीडिया से लेकर संसद तक जारी है। अल शारिका जैसे अरब देशों के प्रमुख लोग इस अभियान में शामिल है। जो भारत की अरब देशों में एक दोस्ताना छवि को मुस्लिम विरोधी छवि में बदल रहे है। इसके पीछे बहुत हद तक भारत में मुस्लिमों के खिलाफ होने वाली हिंदुत्ववादियों की सांप्रदायिक राजनीति भी जिम्मेदार है। जिसने पाकिस्तान को बैठे-बैठाये भारत को बदनाम करने का मौका दिया हुआ है। भारत सरकार को इस और तत्काल ध्यान देना चाहिए।