पिछले दिनों रेलवे भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए बिहार में जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। छात्रों ने रेल रोककर कई जिलों में प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज भी किया। वहीं इस प्रदर्शन की आंच यूपी के इलाहाबाद तक पहुंच आई। यहां भी छात्रों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया। छात्रों ने रेल भी रोकने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई वीडियो सामने आए, जिसमें दावा किया गया कि पुलिसवालों ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों की पिटाई की।
चूंकि यूपी में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं, इसलिए यह चुनावी मुद्दा बन गया। सोशल मीडिया पर छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। जिसके बाद यूपी पुलिस के कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि लोग सोशल मीडिया पर इलाहाबाद लाठीचार्ज के वीडियो और फोटो शेयर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।
इस दौरान कई ऐसे फोटो भी वायरल हो रहे हैं जो इलाहाबाद लाठीचार्ज के नहीं हैं। इन फोटो को वायरल करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साध रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- “बाबा मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना… पढ़ने गए बच्चे ज़िंदा घर लौट सके।” इसी कैप्शन के साथ कई अन्य यूजर्स ने इसी पोस्ट को शेयर किया। ऐसा लगता है कि फोटो और कैप्शन की कॉपी पेस्ट चल रही थी।
https://twitter.com/KhadedaHobe/status/1486573340085026822?s=20&t=XUCFk9j2mmOLai2z132fFA |
https://twitter.com/BhuppiBhai2/status/1486909031188873218?s=20&t=XUCFk9j2mmOLai2z132fFA |
|
|
फैक्ट चेक
वायरल हो रहे फोटो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें न्यूज वेबसाइट ‘द प्रिंट’ द्वारा 20 दिसंबर 2019 को प्रकाशित एक लेख का लिंक मिला। इस रिपोर्ट के मुताबिक यह फोटो लखनऊ में सीएए आंदोलन के दौरान की थी। जब पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज किया था।
निष्कर्ष:
हमारी पड़ताल में सामने आया कि यह फोटो हाल-फिलहाल में इलाहाबाद में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का नहीं है।
यह फोटो 2019 में लखनऊ में सीएए आंदोलन के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शन पर हुए लाठीचार्ज का है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा झूठा और भ्रामक है।
दावा- बाबा मुख्यमंत्री से कहना… पढ़ने गए बच्चे ज़िंदा लौट सके
दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स
फैक्ट चेक- फेक और भ्रामक