बीते दिनों हुई त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राज्य में तनाव का माहौल है. वहीँ दूसरी और सोशल मीडिया इस तनाव को और बढ़ाने का काम कर रहा है. दरअसल, सोशल मीडिया पर कई झूठी, भ्रामक और तनाव पैदा करने वाली तस्वीर और वीडियो शेयर की जा रही है. ऐसे में हमारे हाथ भी एक तस्वीर आई है.
इस तस्वीर में कथित तौर पर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग हाथों में जले हुए क़ुरान (इस्लाम धर्म की धार्मिक पुस्तक) का ढेर लेकर खड़े हुए है. इस तस्वीर को त्रिपुरा हिंसा से जोड़ते हुए वायरल किया गया.
इस तस्वीर को एक फेसबुक यूजर एमडी ओलिउल्लाह ने 29 अक्टूबर को शेयर करते हुए दावा किया – ‘त्रिपुरा में जली हुई कुरआन को उठाते मुसलमान।’
इस तस्वीर के बारे में जांच करने पर पाया गया कि यह तस्वीर सबसे पहले 13 जून को प्रकाशित की गई थी. ये तस्वीर दिल्ली के कंचनकुंज के रोहिंग्या कैंप में आग लगने की घटना से सबंधित है. जहाँ कई रोहिंग्या मुस्लिमों के कैंप जल गए थे.
इसके अलावा ये तस्वीर ट्विटर पर भी पाई गई। ट्विटर पर इस तस्वीर को आसिफ मुजतबा के ट्विटर हैंडल से 28 अक्टूबर को ट्वीट किया गया था.आसिफ ने लिखा, ये तस्वीरें हाल ही में कंचन कुंज, नई दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में हुई आग की घटना की हैं, न कि त्रिपुरा की। हमें ये तस्वीरें तब मिलीं जब @miles2smile_ ने इस साल जून में राहत कार्य शुरू किया। कृपया गलत सूचना साझा न करें #TripuraAnti MuslimRiots
These images are from the recent fire mishap at Rohingya Refugee camp at Kanchan Kunj, New Delhi and not from Tripura. We got these images when @miles2smile_ started the relief work in June this year.
Kindly do not share the misinformation #TripuraAntiMuslimRiots pic.twitter.com/T0voGcTLtU— Aasif Mujtaba (@MujtabaAasif) October 28, 2021
निष्कर्ष
हमारी जांच में इस तस्वीर को राजधानी दिल्ली में रोहिंग्या कैंप में लगी आग से सबंधित घटना से जुडी पाया गया. साथ ही तस्वीर के सबंध में कोई सांप्रदायिक कोण भी जुड़ा हुआ नहीं है.