सोशल मीडिया पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया का एक वीडियो वायरल है। वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स का दावा है कि सिद्धारमैया ने अगले जन्म में मुस्लिम के रूप में पैदा होने की इच्छा जाहिर की है। वायरल वीडियो में सिद्धारमैया को कन्नड़ भाषा में भाषण देते हुए सुना जा सकता है।
इस वीडियो को शेयर करते हुए जितेंद्र कुमार सिंह नामक यूजर ने लिखा- “मुसलमानों के बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कह रहे हैं कि वह ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि अगले जन्म में उन्हें मुस्लिम बनाये दो महत्वपूर्ण बात पहला:- इस्लाम तो पुनर्जन्म में विश्वास नहीं रखता और दूसरी महत्वपूर्ण बात सिद्धारमैया जी को इसी जन्म में मुस्लिम बनने से दुनिया की कौन सी ताकत रोकती है ??”
Source- X
वहीं इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स ने भी ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया है। जिसे यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
सीएम सिद्धारमैया के वायरल वीडियो के फैक्ट चेक के दौरान DFRAC की टीम ने पाया कि वीडियो पर टीवी-9 कन्नड़ का लोगो लगा है। इसके बाद हमारी टीम ने टीवी-9 कन्नड़ के यूट्यूब चैनल को देखा। हमारी टीम ने पाया कि सीएम सिद्धारमैया का वीडियो 10 मार्च 2024 को अपलोड किया गया था, जिसके कैप्शन में लिखा गया है- “मांड्या में गारंटी सम्मेलन में सीएम सिद्धारमैया ने बीजेपी, जेडीएस और सुमलता अंबरीश की आलोचना की” (हिन्दी अनुवाद)।
Source- TV9 Kannada
वहीं इस वीडियो के 18 मिनट 20 सेकेंड से 19 मिनट 20 सेकेंड के ड्यूरेशन में वायरल हिस्से को सुना जा सकता है। जिसमें सिद्धारमैया भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के हवाले से कहते हैं कि देवगौड़ा ने मुस्लिम के रूप अगला जन्म लेने की की बात कही थी। वहीं हमें द हिन्दू और ईटीवी भारत की मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं। जिसमें बताया गया है कि सिद्धारमैया ने बीजेपी के साथ देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस के गठबंधन करने पर निशाना साधा। सिद्धारमैया ने कहा कि देवेगौड़ा हमेशा बीजेपी के खिलाफ रहे हैं और उन्होंने एक बार कहा था कि वह अगले जन्म में मुस्लिम के रूप में पैदा होना चाहते हैं।
Source- The Hindu & ETV Bharat
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने अगले जन्म में मुस्लिम के रूप में पैदा होने की बात नहीं कही है। वह अपने भाषण में पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा द्वारा पूर्व में कही गई बात का जिक्र कर रहे थे। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।