सोशल मीडिया पर एक फोटो जमकर वायरल हो रहा है। इस फोटो में देखा जा सकता है कि दो लोग पुलिस की गिरफ्त में हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इन दोनों ने पुलिस के सामने कुबूल किया है कि उन्हें नाई जिहाद के लिए मस्जिदों से पैसे मिलते थे। यूजर्स ये भी आरोप लगा रहे हैं नाई का काम करने वाले इन आरोपियों को हिन्दू समुदाय के लोगों को एड्स संक्रमित ब्लेड से चीरा लगाने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
इस तस्वीर को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- “ब्रेकिंग न्यूज- मुंबई नाई जिहाद एक मुल्ले ने पुलिस के सामने कुबूल किया कि मस्जिदों में नाई जेहाद के लिए पैसा मिलता है जिसमें हिंदुओं को एड्स के ब्लेड से हल्का सा चीरा लगाने के लिए सिखाया जाता है और ज्यादा लडको को युद्ध के लिए तैयार किया जा रहा है सभी हिंदू-नाई से ही सेव-कटिंग कराये।”
ब्रेकिंग न्यूज मुंबई नाई जिहाद एक मुलले ने पुलिस के सामने कुबूल किया कि मस्जिदों में नाईजेहाद के लिए पैसा मिलता है जिसमें हिंदुओं को एड्स के ब्लेड से हल्का सा चीरा लगाने के लिए सिखाया जाता है और ज्यादा लडको को युद्ध के लिए तैयार किया जा रहा है सभी हिंदू-नाई से ही सेव-कटिंग कराये। pic.twitter.com/1wgg6m87mA
— Manoj Srivastava (@ManojSr60583090) February 27, 2023
वहीं इस तस्वीर को ऐसे ही दावों के साथ कई अन्य यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल फोटो और दावे का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम ने सबसे पहले फोटो को गौर से देखा। हमें फोटो पर ‘India TV’ का लोगो मिला। हमने ‘India TV’ के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर इस फोटो के संदर्भ में जांच की। हमें 18 जुलाई 2013 को अपलोड एक वीडियो मिला। इस वीडियो को शीर्षक- “क्रेडिट कार्ड चोरी के आरोप में मुंबई पुलिस ने भोजपुरी अभिनेता इरफान खान को किया गिरफ्तार” (हिन्दी अनुवाद) दिया गया है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इरफान खान अपने साथी संजय यादव के साथ मिलकर लोगों के चोरी किए गए क्रेडिट कार्ड से गहने-जेवरात की शॉपिंग करता था। पुलिस ने इस मामले पर दोनों को छपरा से गिरफ्तार किया था।
वहीं इस संदर्भ में हमें एबीपी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर 18 जुलाई 2013 को अपलोड एक वीडियो मिला। जिसमें इरफान की गिरफ्तारी के संदर्भ में सूचना दी गई है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर 9 साल पुरानी, 2013 की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भोजपुरी अभिनेता इरफान खान को चोरी के क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया गया दावा गलत है।