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मह़बूबा मुफ़्ती ने की मंदिर में पूजा! पढ़ें, फ़ैक्ट-चेक 

सोशल मीडिया पर एक हिंदी अख़बार की कटिंग वायरल हो रही है, जिसमें हेडलाइन,“महबूबा ने मंदिर में पूजा की” के तहत छपी तस्वीर में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) की अध्यक्ष मह़बूबा मुफ़्ती को एक मंदिर में पूजा करते देखा जा सकता है। इस तस्वीर के विवरण में कहा गया है- “श्रीनगर के गांदरबल स्थित खीर भवानी मंदिर में चल रहे वार्षिक मेले के दौरान रविवार को कश्मीरी हिंदुओं के साथ पूजा-अर्चना करती जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री मह़बूबा मुफ़्ती।”

दिनेश देसाई नामक एक वेरीफ़ाइड ट्विटर यूज़र ने अख़बार के इस कटिंग को कैप्शन दिया, “मोदी है तो मुमकिन है।”.

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ट्विटर बायो के अनुसार मालधारी सेना गुजरात के अध्यक्ष और भाजपा गुजरात के कार्यकर्ता  हैं।

इसी तरहा अन्य यूज़र्स ने अलग अलग कैपशन के साथ इस अख़बार की कटिंग को शेयर किया है। 

हिरेन पोकर ने लिखा, “चलो अब क़यामत क़रीब है,अब हिन्दूराष्ट्र नज़दीक है।”

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वहीं पल्लवी नामक ट्विटर यूज़र ने लिखा,“हे भगवान ..!! मोदी जी अब तो आंखों में से आंसू आ जाते है ऐसी तस्वीरें देखकर । ये आपने क्या से क्या कर दिया ?? 370 क्या खत्म हुआ , इनकी तो दुनिया ही बदल गई । ॐ नमः शिवाय”

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फ़ैक्ट चेक 

वायरल तस्वीर की हक़ीक़त जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले इसे इंटरनेट पर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें 13 जून 2016 को पब्लिश, अख़बार अमर उजाला की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में महबूबा मुफ़्ती की वायरल तस्वीर देखी जा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार महबूबा मुफ़्ती कश्मीर पंडितों की धार्मिक यात्रा पर पथराव के बाद पूजा करने मंदिर पहुंची थीं।

अमर उजाला

अमर उजाला के अलावा इसे अन्य मीडिया हाउसेज़ ने भी कवर किया है। 

नवभारत टाइम्स ने शीर्षक, “मंदिर में पूजा करने के बाद महबूबा बोलीं, पंडितों के बिना कश्मीर अधूरा” के तहत न्यूज़ पब्लिश की है। 

navbharattimes

 दैनिक भास्कर ने लिखा, “खीर भवानी मंदिर में पूजा कर महबूबा ने कहा- पंडितों के बिना है अधूरा कश्मीर”

DFRAC टीम ने इस दौरान वायरल तस्वीर से जुड़ा एनडीटीवी की एक वीडियो रिपोर्ट भी पाई, जिसे 12 जून 2016 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया है।

इसके बाद टीम ने ये जानने के लिए गूगल सर्च किया कि क्या मह़बूबा मुफ़्ती की ये तस्वीर जम्‍मू-कश्‍मीर को अनुच्‍छेद 370 और 35ए दिए गए विशेष दर्जे को निष्क्रिय किये जाने के बाद की है? हमें आज तक द्वारा पब्लिश एक न्यूज़ मिली, जिसके अनुसार भारतीय संसद ने 05 अगस्‍त, 2019 को इसे मंज़ूरी दी थी।

aajtak.in

इस दैरान हमने पाया कि ये तस्वीर सितंबर 2022 में पहले भी वायरल हो चुकी है। 

निष्कर्ष: 

DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि मंदिर में पूजा करते मह़बूबा मुफ़्ती की ये वायरल तस्वीर जून 2016 की है, इसलिए सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा भ्रामक है।  

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