सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बड़े पैमाने पर वायरल हो रही है। जिसमे एक मस्जिद को ढहाई हुई मीनारों के मलबे के साथ देखा जा सकता है। तस्वीर में दिख रहे स्तंभों का हवाला देकर दावा किया गया कि मस्जिद से वीरभद्रेश्वर मंदिर के अवशेष निकले है।
ट्विटर पर एक यूजर ने तस्वीर को शेयर कर लिखा कि “कर्नाटक रायचूर जिले में सड़क चौड़ी करने के लिए एक मीनार को तोड़ा गया तो पुराने खम्बे सामने आ गये। खम्बों की बनावट और शिल्प कला मन्दिर की लगती है जो वहां के लोगों के पुरखों की उस बात को सत्य का प्रकाश देती हैं कि वहां का प्रसिद्ध वीरभद्रेश्वर मन्दिर का मूल स्थान एक जमाने में यही था।”
इस तरह के अन्य मिलते-जुलते दावे फेसबुक पर भी किए गए।
फैक्ट चेक:
ರಸ್ತೆ ಅಗಲೀಕರಣದ ವೇಳೆ ಮಸೀದಿಯಲ್ಲಿ ಹಿಂದೂ ದೇವಾಲಯ ಪತ್ತೆ https://t.co/FJTcBoNHex #Raichur pic.twitter.com/1760AHn9eK
— PublicTV (@publictvnews) April 11, 2016
वायरल तस्वीर की जांच के लिए हमने तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। जिससे पता चला कि ये तस्वीर 2016 की है। इस सबंध में हमें पब्लिक टीवी का एक ट्वीट मिला। जिसमे इस तस्वीर को पोस्ट कर केप्शन दिया गया कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान मस्जिद में मिला हिंदू मंदिर
इस बारे में गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें ऑल्ट न्यूज़ का एक फैक्ट चेक मिला। जिसमे रायचूर में तैनात पूर्व जिलाधिकारी के हवाले से बताया गया कि ‘सोशल मीडिया पर जो जानकारी शेयर की जा रही है वह गलत है। जब रायचूर में विध्वंस हुआ तो वहां कुछ पारंपरिक इमारतें थीं। एक मीनार, जो एक बहुत पुरानी संरचना है, उन इमारतों में से एक थी जिसे सड़क चौड़ीकरण के लिए ध्वस्त कर दिया गया था। इस तरह की पुरानी संरचनाओं में कई तरह की नक्काशी होती है और यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि यह मूल रूप से सिर्फ एक स्तंभ से बना एक मंदिर था। कुछ समूहों ने यह दावा करने की कोशिश की, लेकिन जब उनका विरोध किया गया, तो उन्होंने दावे को आगे नहीं बढ़ाया।”
निष्कर्ष:
अत स्पष्ट है कि कर्नाटक के रायचूर में सड़क के चौड़ी करने के दौरान मस्जिद की मीनार के तोड़े जाने पर वीरभद्रेश्वर मंदिर के अवशेष मिलने का दावा भ्रामक है।