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फैक्ट चेक: क्या हर्षा का मर्डर फतवा जारी होने से हुआ है? जाने सच

बजरंग दल के 23 वर्षीय कार्यकर्ता हर्षा की हाल ही में कर्नाटक के शिवमोग्गा जिला में हत्या कर दी गई थी। हर्षा की मौत के बाद बजरंग दल के सदस्यों में गुस्से की लहर देखा जा रही है। अरागा ज्ञानेंद्र (कर्नाटक के गृह मंत्री) के अनुसार, हत्या के तीन आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं, लेकिन उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया। इस बीच सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है कि हर्षा के खिलाफ एक फतवा जारी किया था 2015  में  जिसके कारण हत्या हुई ।

हिंदू मानवाधिकार कार्यकर्ता रश्मि सामंत ने दावा किया कि 2015  में, “मैंगलोर मुस्लिम” नाम के एक फेसबुक पेज ने हिंदू कार्यकर्ता हर्षा के खिलाफ एक फतवा जारी किया था। उन्होंने कहा कि हर्षा ने हिजाब विवाद  में सक्रिय भागीदारी दिखाई थी। उन्होंने हर्षा के साथ लावण्या और रूपेश पांडे का भी जिक्र किया। लावण्या तमिलनाडु के थिरुकट्टुपल्ली की एक 17 वर्षीय लड़की थी, जिसपर ईसाई धर्म अपनाने के लिए अत्यधिक दबाव बनाया गया था उसी कारणवश लावण्या ने आत्महत्या कर ली थी। भाजपा सदस्यों ने तमिलनाडु में हो रहे धर्म परिवर्तन को लेकर खूब सवाल उठाये थे। रश्मि सामंत ने 21 फरवरी 2022  को मैंगलोर मुसलमानों की एक फेसबुक पोस्ट डालकर ट्वीट पोस्ट किया जोकि तमिल लिपि मई लिखी गयी है।

https://twitter.com/RashmiDVS/status/1495618912448303104?s=20&t=yMZYUdER9oujoDdtaSzYGw

बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी एल संतोष ने भी हत्या के इस मामले को कर्नाटक में  हिजाब को लेकर विरोध से जोड़ा, उन्होंने दावा किया कि हिजाब रो में समर्थन दिखाने के कारण हर्षा को बेहरहमी से उसके घर के सामने, शिवमोग्गा में मार दिया ।  उन्होंने ने यह भी कहा की यह काम जिहादी दल के सदस्यों का है और हर्षा की क़ुरबानी शहीदों में गिनी जाएगी।

Fact check

मैंगलोर मुसलमानों की पोस्ट देखने के बाद हमने कैप्शन का अनुवाद किया जिसमें लिखा है कि “पैगंबर मुहम्मद मुस्तफा को एक हिंदू आतंकवादी संगठन के कार्यकर्ता ने अपमानित किया है। हर्षा ने अल्लाह के बारे में उपशब्द का प्रयोग किया साथी-साथ काबा की भी निंदा की है। शिवमोग्गा के लोगों को उसके खिलाफ और सबूत ढूंढ़ने चाहिए और नजदीकी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करना चाहिए।

Facebook Post

 

हमें मैंगलोर मुसलमानों की पूरी पोस्ट में फतवा से संबंधित कुछ भी लिखा हुआ नहीं मिला। इसलिए यह खबर जिसमे फतवा जारी होने के कारण हर्षा की हत्या का दावा किया गया था पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने भी कहा है कि हर्षा की मौत का हिजाब विवाद से कोई संबंध नहीं है।

Times of India

 

इंडिया टुडे की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और अरागा ज्ञानेंद्र ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं मिला है, जिसमें यह कहा जा सकता है कि हर्षा की हत्या और कर्नाटक में हो रहे हिजाब विरोध के बीच कोई संबंध है।

निष्कर्ष: यह दावा साबित करता है कि बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या फतवा जारी करने के कारण होने वाली खबर फ़र्ज़ी है क्युकी मैंगलोर मुस्लिम्स ने अपने फेसबुक पोस्ट में फतवे के बारे में कुछ नहीं लिखा था। एक और दावा जहां लोग हिजाब और हत्या के बीच में संबंध जोड़ रहे थे वह कर्नाटक के सीएम और कर्नाटक के गृह मंत्री दोनों ने ही इस लिंक को जोड़ने से इनकार कर दिया ।

Claim review: क्या हर्षा का मर्डर का फतवा जारी होने से हुआ है

Claim by: Rashmi Samant

Fact check: भ्रामक

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